कविता तेरा नाम .... दिप चारण by Dilip Singh Charan on Friday, 03 June 2011 at 13:40
कविता तेरा नाम ....
दिप चारण
तेरा नाम है अमावश्या पर्णिमा लाता ।
तेरा नाम है चाँद को जगमगाता ।।
तेरा नाम हैँ धरा पे रोशनी लाता ।
तेरा नाम है तपि वसुंधारा पे शितलता फैलाता ।।
तेरा नाम है मुझे रब से मिला प्रीत का नजराना ।
तेरा नाम है मेरी उटपटांग कविताओ का तराना ।।
तेरा नाम है जलती शमां . मै इक परवाना ।
तेरा नाम है मेरी जिँदगीँ का अफसाना ।।
तेरा नाम है मेरा मधुमय मधु का प्याला ।
तेरा नाम है मेरा साकी , मेरी मधुशाला ।।
तेरा नाम है मेरी आवारगी पर ताला ।
तेरा नाम है मेरी सांसोँ कि माला ।।
तेरा नाम है मेरे नैनोँ से गिरते मोती ।
तेरा नाम है मेरे ह्रदय मेँ प्रीत कि जलती ज्योति ।।
तेरा नाम है मेरी फुर्सते -हस्ती ।
तेरा नाम है मुझे तारने वाली कस्ति ।।
तेरा नाम है मेरे ह्रदय मेँ खिलते फूल ।
तेरा नाम है मेरी मोसमे- गुल ।।
तेरा नाम है मेरी नूरे -निगाह ।
तेरा नाम है मेरी राहते- रूह ।।
तेरा नाम है मेरी अधुरी हसरत ।
तेरा नाम है मेरी बढती वहशत ।।
तेरा नाम है मेरी दिले- सदा ।
तेरा नाम है मेरी नूरे- खुदा ।।
तेरा नाम है हर दम हर क्षण मेरे साथ ।
तेरा नाम है अगम अगोचर अलख परमार्थ ।।
तेरा नाम है मेरी हशीँ सहर मेरी शब ।
तेरा नाम है मेरी जिँदगीँ मेरी बंदगीँ मेरा रब ।।
कवि दिप चारण
दिप चारण
तेरा नाम है अमावश्या पर्णिमा लाता ।
तेरा नाम है चाँद को जगमगाता ।।
तेरा नाम हैँ धरा पे रोशनी लाता ।
तेरा नाम है तपि वसुंधारा पे शितलता फैलाता ।।
तेरा नाम है मुझे रब से मिला प्रीत का नजराना ।
तेरा नाम है मेरी उटपटांग कविताओ का तराना ।।
तेरा नाम है जलती शमां . मै इक परवाना ।
तेरा नाम है मेरी जिँदगीँ का अफसाना ।।
तेरा नाम है मेरा मधुमय मधु का प्याला ।
तेरा नाम है मेरा साकी , मेरी मधुशाला ।।
तेरा नाम है मेरी आवारगी पर ताला ।
तेरा नाम है मेरी सांसोँ कि माला ।।
तेरा नाम है मेरे नैनोँ से गिरते मोती ।
तेरा नाम है मेरे ह्रदय मेँ प्रीत कि जलती ज्योति ।।
तेरा नाम है मेरी फुर्सते -हस्ती ।
तेरा नाम है मुझे तारने वाली कस्ति ।।
तेरा नाम है मेरे ह्रदय मेँ खिलते फूल ।
तेरा नाम है मेरी मोसमे- गुल ।।
तेरा नाम है मेरी नूरे -निगाह ।
तेरा नाम है मेरी राहते- रूह ।।
तेरा नाम है मेरी अधुरी हसरत ।
तेरा नाम है मेरी बढती वहशत ।।
तेरा नाम है मेरी दिले- सदा ।
तेरा नाम है मेरी नूरे- खुदा ।।
तेरा नाम है हर दम हर क्षण मेरे साथ ।
तेरा नाम है अगम अगोचर अलख परमार्थ ।।
तेरा नाम है मेरी हशीँ सहर मेरी शब ।
तेरा नाम है मेरी जिँदगीँ मेरी बंदगीँ मेरा रब ।।
कवि दिप चारण
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