भुलां न म्हेँ थांरा चरण । (स्वतंत्रता सैनानी कवि केसरीसिँह बारहठ)

भुलां न म्हेँ थांरा चरण ।

(स्वतंत्रता सैनानी कवि केसरीसिँह बारहठ)

जय जय भवानी अम्बिका
करणी तिहारी म्हे सरण

भोत सोया गाढ निद्रा
चा वां अबै म्हे जागरण
सुतंतरता री महा सागर
थारा हि हां म्हे निरझरण

जय जय भवानी अम्बिका
करणी तिहारी म्हे सरण

राष्ट्र बल रौ उध्दरण मां
तुं करै म्हे अनुसरण
परमारथ मेँ बलिदांन निज
करणोँ सिखाद्यां म्हे मरण

जय जय भवानी अम्बिका
करणी तिहारी म्हे सरण

संतान साची अभै व्है
थारा ही म्हे तारण तरण
साम्रत्थ द्यो मां कर सकां
आ सिध्द म्हे चारण बरण

जय जय भवानी अम्बिका
करणी तिहारी म्हे सरण

वाहण तुंहाळौ केसरी
बर मांगवै असरण सरण
ओ असुर मरदनि चंडिका
भुलां न म्हे थारा चरण

जय जय भवानी अम्बिका
करणी तिहारी म्हे सरण

छप्पय

चन्दू बेगी चाल , चाल खेतल बड चारण
तोलो हाथ त्रिशूल , धजाबंध लोवङ धारण
बीस हथी इण बेर , देर मत कर , डाढाळी
हरो रोग हिँगलाज , करो ऊपर महाकाळी
लगाज्यो देर पल एक मत , आवङ जी री आण सूं
आखता सींह चढ आवज्यो, देबी गढ देसाण सूं

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