चारण अर चोहान


चारण चौहान प्राण दे भारत भोम कारणे
रच गीत प्रीत रीत रचे इतिहास है।
आन बान शान दान की होवण न दे हाण,
आद शक्ति आवड़ा पे करत विश्वास हैं।
लोक लाज मरजाद रखण करत काज
सुमति चित साज ये होवै ना हताश है।
उपकार सदाचार वेहार उत्तम करे
अरी ओगण भंजकै, करत उजास हैं।

°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°दीप चारण

Comments

Popular posts from this blog

काम प्रजालन नाच करे। कवि दुला भाई काग कृत

आसो जी बारठ

कल्याण शतक रँग कल्ला राठौड़ रो दीप चारण कृत