फूटकर दोहे सोरठे 3
दल इण खातर दौड़ता,भाज्पा या कांग्रेस।
जन ने खवाय जूमला ,ऐ तो करसी ऐस ।।
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°दीप चारण
दल बदलने से कुछ नही होगा
सब दल सब नेता एक ही थैली के चट्टे बट्टे हैं ।
तन मरकट नथु बावरा, सिंढायक सदा समीप।
दयाल कैलास ऊज्लियो,अर ठावो कवि दीप।।
°°°°°°°°°°°°°°°°°°नाथुदानजी आशिया
गिन गिन गुजरै रैन, आवण साजण आश में।
नाही लागे नैन, औजका कर हुं अडिकती।।
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°दीप चारण
ढोली ढमका ढोल, घूमर गोरड़ घालियू।
कर्सी घणीह घोळ, नार निहारे नाहड़ो।।
ઢોલી ઢમકા ઢોલ, ઘૂમર ગોરડ ઘાલિયૂ ।
કર્સી ઘણીહ ઘોલ, નાર નિહારે નાહડો ।।
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°दीप चारण
धोरा-धरती, आंधी, अरु पीव री अडीक।
पल्लो उडावती पवन, नैणा रलगी रेत।
बाटां जोवे बावली, खामद अडिकै खेत।।
પલ્લો ઉડાવતી પવન, નૈણા રલગી રેત ।
બાટાં જોવે બાવલી, ખામદ અડિકૈ ખેત ।।
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°दीप चारण
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