भोला बाबा शीव ताडंव कवि दिप कृतं





  भाग भगङ दा , मुझको प्यारा लगदा,    मेरा भोला भोला बाबा ।
अल्लाह अल्लाह बकदा,करता सजदा ,जैसे मुल्ले को प्यारा काबा ।।

डिम्मं डिम्मांक , डिम्मं डिम्मांक , डिम्मं डिम्मांक, डमका डमरु का ।
छम्मं छम्मांक, छम्मं छम्मांक ,छम्मं छम्मांक छम्मंकारा घुंघरू का।।
फम्मं फम्मांक , फम्मं फम्मांक, फम्मं फम्मांक , फुंक्कारा  नाग दा ।
घम्मं घम्मांक  ,घम्मं घम्मांक घम्मं घम्मांक भोला बाबा नाच दा ।।

गळे मुण्ड माल , चंद्र साझै भाल ।
ह्रदय प्रीत पाल ,रच उम्या ख्याल ।।
मृदंग ताल पर, धीमी धीमी चाल ।
घननं घननं , गहरी घुमर  घाल ।।
त्रिलोचन मे त्रिकाल , भृकुटी पर गुलाल।
नाग कुंडली जटा जाल , हे! रूद्राल विघ्न टाल ।।

ना दे पाये ,मुझको कोई राङ ।
तम का दे ,परदा परदा फाङ ।
दु:ख को मेरे दामन से झाङ ।
किस्मत का खोल दे किवाङ ।

दु:ख की घाटी घमोङ ,मुझको नही मिलती ठौङ ।
तम को तोङ , मेरे गम गम को मौङ  मरोङ ।
मुँह मत मत  मौङ, भौला बाबा ध्यान छौङ।
जग में मच्यौङी,हौङ कवि( दिप) ध्यावै नैण मुंद कर जौङ ।।

कवि दिप चारण

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