शिव तांडव

मतगयंद मालती सवैया

                             शिव तांडव

नाग फणा पटकारम  गंग  जटालम  संकर  लोचन लालं ।

डाक डमा डम डाक डमा डमका डमरू डणकार उछालं ।

घूम घमा घम धूम धमा धम  घूघर  झूम बजा पद  चालं ।

भाल गुलालम कूद कमालम ताधिन ताधिन तांडव तालं ।    ||1||

डाक विसालम सीस धुणालम लामलटा ससिसेखर खोलं ।

ताक तताक तधीम तनां तन धूम तता धिन नाचत भोलं ।

धूम तताक धिंताक तधीम  तताक तनां मिरदंगम बोलं ।

संग उमा भसमा रम  वास मसाणम  राग तरानम  घोलं ।      ||2||

 ••••••••••••••••••••••••••••••••••दीप चारण


                   छंद :- पंच चामर

नमाय नाक लोक तीन बम्म बम्म बोलते ।

घुमंत घोर  जोर  नाचते  त्रिशूल तोलते  ।

उमाह  संग  भूतनाथ   बैठ  बैल  टोलते ।

भुजंग  कंठ  हार केस  गंग धार डोलते ।


••••••••••••••••••••••••••••दीप चारण





Comments

Popular posts from this blog

काम प्रजालन नाच करे। कवि दुला भाई काग कृत

आसो जी बारठ

कल्याण शतक रँग कल्ला राठौड़ रो दीप चारण कृत