शिव स्तुति 2 दीप चारण कृत
शिव स्तुति ( दीप चारण कृत)
जय भुतेश्वर जय महेश्वर जय नगेश्वर शंकरम।
।। दोहा।।
भक्त तारेह भोळियो, होय'र शिखी सवार।
मनहर सावण मास में, नित पूजत नर नार।।
सिमरु सुरसती नै सदा,सिमरु सदाय गणेश।
पलकां पर मांँ पार्वती, मनड़े बसे महेश।।
सिमरु सुरसती नै सदा,सिमरु सदाय गणेश।
पलकां पर मांँ पार्वती, मनड़े बसे महेश।।
।। छंद गीतिका।।
बह त गंगे चाल चंगे नीर झर झर झिरमिरम।
भंग घोलम रंग रोलम पग्ग डोलम थिरथिरम ।।
डमडमाडम डमडमाडम डैरु डम डम डंकरम।
जय भुतेश्वर जय महेश्वर जय नगेश्वर शंकरम।। 1
हे कपालम मूंडमालम चंद्रभालम सोभियम।
ताल तांडव नाच मांडव पांच पांडव तारियम।।
बम्म बोलम, नाग डोलम फन्न फोरम रूद्र रम।
जय भुतेश्वर जय महेश्वर जय नगेश्वर शंकरम।। 2
सति सखीयम बसि अँखीयम कूद यज्ञं तन तजम।
धाररूपम वीरभद्रम दक्ष यज्ञं नाशवम।।
रूद्ररूपम मार भूपम नाच नृत्यम तांडवम।
जय भुतेश्वर जय महेश्वर जय नगेश्वर शंकरम।। 3
सह हमेशम गणगणेशम कार्तिकेयम मिल रहम।
नेत्र लालम मल गुलालम उर विशालम हे हरम।।
उमियसंगम नागअंगम गंजतरँगम कलरवम।
जय भुतेश्वर जय महेश्वर जय नगेश्वर शंकरम।। 4
देवदेवम कर कलेवम भक्त सेवम नित करम।
कालकालम नेत्र भालम शूल पाणम बस उरम।।
हर लँकेशम नागसैंशम व्योमकेशम मन हरम।
जय भुतेश्वर जय महेश्वर जय नगेश्वर शंकरम।। 5
आक गटकै लाम लटकै पग्ग पटकै भरपुरम
तम्म तोड़म घोरघोरम हे अघोरम सुर परम।।
संग भूतम मल भभूतम रूप उत्तम तू धरम।
जय भुतेश्वर जय महेश्वर जय नगेश्वर शंकरम।। 6
शैल सट्टा खोल जट्टा नट्ट नट्टा रमतरम ।
गंगधारम कष्ट टारम नग निवासम कंदरम।।
सर्पहारम शिखिसवारम रूप प्यारम सुंदरम ।
जय भुतेश्वर जय महेश्वर जय नगेश्वर शंकरम।। 7
धीनकिट तट धीनकिट बाजत मृदंगम सुरमयम ।
नैन मटकै जट्ट झटकै चिल्म सटकै विस्षहरम।।
कालनाशम तोड़ पासम " दीप" दासम पगपड़म।
जय भुतेश्वर जय महेश्वर जय नगेश्वर शंकरम।। 8
छंद छप्पय
भस्म रम भूतनाथ , धगग धगग धुणि धुखाते ।
भस्म रम भूतनाथ , डमम डुगडुगी बजाते ।।
भस्म रम भूतनाथ , मंद मंद मुस्कुराते ।
भस्म रम भूतनाथ , रास तांडवम रचाते ।।
धिनकट धिनकट नाचते, झटक पटक लट केश री ।
चारण गण गुण गावते , माया देख महेश री ।।
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°दीप चारण
https://m.youtube.com/watch?v=6eTTX8JoS6o
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