अर्धांगिनी को जन्मदिवश की बधाई साहित्य अंदाज में




अनु जन्मदिवस आज, हिवड़ो मनावै हेत सूं।

बैरी आवै न बाज, खामद खोटो दीपड़ो ।।

भूलां नह ऐ भाल, अनु अनगिनत आपरा।

नित नित किया निहाल, खुशियां लाय दीप घर ।।

सूट सूं मुँगा सोरठा, अमोल ऐ अलँकार।

दातार बींद दीपड़ो,ओपता देय उपहार।।

पड़ूत्तर

चतर कवि दीप चारणां, कूड़ीह नीति कूट।

पत्नी ने फुसलायकै, सखरो भुलाय सूट।।

फोटु ठाय थें फालतू , लिखतां करो न लाज।

चारणी ने चिगलावतां , बालमा आव बाज ।।

°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°दीप चारण

संढायच किया सखरा , वामा तणा वखांण ।
दिय रीझ मधुकर दिपसा,धिय रतनु धणियांण ।।

°°°°°°°°°°°°°°°भंवरदान जी मधुकर




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