पप्पू रो कुंडलियो


कुंडलियो पप्पू रो

बोटाॅ खातर निसरियो, फाड़'र पप्पू पूर।

नोट नरे खोसे लिया, पण जीतसूं अबे जरूर।।

जीतसूं अबे जरूर, भलांही पड़ जा गाभा।

जीमु चूरमो चूर, मां मु बण जासूं भाभा ।।

जबरी जमसी धाक, काम करसूं तब खोटा।

नरिये पायो आक, पाड़सूं इणने बोटाॅ।।

°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°दीप चारण

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