भंवरदान जी बीठू मधुकर माड़वा कृत दोहा


आछी कविता आपरी ,
दाख कविवर दीप ।
मधुकर ऊचे मापरी ,
समन्दां मोती सीप ।

भंवरदान जी बीठू मधुकर माड़वा कृत
🙏🏼🙏🏼⛳

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