करणी स्तुति त्रोटक


त्रोटक छंद रो प्रथम प्रयास

कर जोड़ करे सुत मां विनती ।
सँवली बण आ मम मां उड़ती ।।
अब  तार  तुँही  सटके  तरणी ।
कर  मेहर  मात  सदा  करणी ।। 1

नमतो जग माँ पकड़े पग मां  ।
बस माँ रग मा दिखजो दृग मां ।।
अरि  दानव  मार  धरा  धरणी ।
कर   मेहर  मात  सदा  करणी ।। 2

चढि जांगल फौज भला भट ले ।
कमराण मुगल्ल चले दल ले ।।
अरदास करेह बिकांण धणी ।
कर मेहर मात सदा करणी ।।  3

किय कोप मुगल्ल बिकाण परै ।
संग होय सहायक जैतसि रै ।।
रथ रै जुत मात बणी सिँहणी ।
करि मेहर मात सदा करणी ।। 4

तुँ मलेछ मरोड़ दहाड़ दले ।
चपला जिम जैतलराज चले ।।
रण तांडव राच रही रमती ।
कमरानन सेन भजे डरती ।। 5

अठपोर बटोर सुवर्ण  रहे ।
कविराज बिराज कथाह कहे ।।
हदपार फँदा विपदा हरणी ।
कर मेहर मात सदा करणी ।। 6

°°°°°°°°°°°°°°दीप चारण

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