शहीद उमेद दान बिराई


डिग्यो न डग पर रह अडग,
नक्सल (रो ) करंता नाश।
लड़तां    छोड़ी     सांस,
अमर शहीद उमेदसी  ।।

उर्वशी रँभा मेनका,
वरवा आई वीर ।
चिपगी फाड़े चीर,
रण में देख उमेद ने,।।

बाल बंदूक बावताॅ,
धाड़ धाड़ धूं धाड़ ।
अरियां नु आक पावतां,
गी गोलि सिनो फाड़ ।।

लांई बिरई (रो) लाल,
हिरदे बोल जय हिंद री ।
भू रो उतार भाल,
अर्क अस्त भ्यो उमेदसी ।।

°°°°°°°°°°दीप चारण





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