सवाई चूली


हाई स्कूल   11th - 12th (2004-06) के समय एक सहपाठी मित्र पर चार पंक्तियाँ।

बाजी  रा  बे  बोल,  सांभल  सवाई  सांतरा ।
ठोक फूकण रे ठोल, रेस्टिगेट लिय स्कूल सों।।

भाराणी चुलि भोम रो , जोधसीं रो जवान ।
बाजी री राखी घणी, की की करां बखान।।

प्रीतां बाजी पांतरै,  भूले नी पण भीर ।
सवाइ जैवो हो सखा, व्है जग मांही वीर।।

बाजी रै तें कारणे, भूचका किया भचीड़ ।
उड़ता लेतो तीर तूं , ग्बाग्बाले नै गबीड़ ।।


कँठ टांग कारतूसड़ा, बंदे धरि बंदूक।
सावल चला सवाइसीं, निसाणो न जा चूक।।

°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°दीप चारण


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