जन्मदिन व शादी सालगिरह

मौज मई भइ मौकली , जन्मदिन (री)आइ विस्स।
इक खरचै द्उ मनावसां , ऐन्वरसरि इक्किस्स ।।
कंठ सूखिया विस करे , पाय न मैंगो जूस ।
नुकरो कैक चखाय ना , कवी दीप कंजूस ।।

••••••••••••••••••••••••••••••••दीप चारण

खावणिया घण मौकळा, खड़ावणियां  बिरळाह |
 दीप जिमावै कोड सूं ,तो छोडां नीं घिरळाह ||

°°°°°°°°°°°°°°°°°नाथू दान जी सा आसिया

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