खाली कर


सब नै जाणो हैं रे एक दिन राम रे घर ।

खोस खोस कर खुद री ना आ झोली भर ।

खोटी माया खोटी काया अठे तुं जासी धर ।

जो आयो खाली कर सो जाएगो खाली कर ।

•••••••••••••••••••••••••••••••दीप चारण

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