दो हज़ार सोल

यार होया सब तैयार कोई दो कोई च्यार ,
सगलां करे इंतज़ार साल लागे सोल ।
कोई बीयर तो दारू कोई पिये ढोला मारू,
डीयर हेपी न्यू ईयर बोले ओ  डोल  ।।
इंतज़ार बारे बजी रो करे ओ इंतज़ाम,
फड़ा फड़ आज करसी फटाका फोड़ ।
कोई नाचे बजा डीजा कोई खावै आज पीजा
होडा होड करे कोड लगावतो  होड़ ।।

••••••••••••••••••••••••••••••दीप चारण

साल ओ दो हज़ार सोले
लावै खुसियां हौले हौले
रंग ले मांडै रोज़ रंगोली
हो हर दिन दिवाली होली
मीठ बोले बागां रा मोर
चोरी नी करे कठैई चोर
सुख समृद्धि री उड़े पतंग
ऊँची ऊंची चढ़े बढ़े उमंग
डाल डाल कोयल बोले डीयर
ऐसो हो सगलां रो हेपी न्यू ईयर

•••••••••••••••••••दीप चारण

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