कांई करो दाता ?



कांई करो दाता ?

अछी दाड़ी मूँछ वाला , दाता नाथू दान ।

बजाय मस्त धुन बैठा , मुरली मुख पर तान ।। [1]


कांई करो हो दाता , पुछत है रोज़ पोति ।

राम राम रोज़ रटतां , बस इती बात होति ।। [2]


किशन किशन करो दाता , शब्द ऐसो सुनाय ।

दादु मीरा के पद्य पर , बैठा धुनां बजाय ।। [3]


गल छोटी भाव गहरा , शब्दां कह्यो न जाय ।

दादो पोती मिलसि कद , कोय म्हानै बताय ।। [4]

••••••••••••••••••••••••दीप चारण


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