देवी स्तूति छंद कृपाण घनाक्षरी



प्रणमूं मैं प्रतपाल , करणी सुत रुखाल ,
करुणा मयी कृपाल, मन में दो सुर ताल ।
आप मात अति दयाल , पुत्र को राखजौ ख्याल ,
बिसरै न मात लाल , मान से मां दीप भाल ।।
मद्य पी पी मतवाल , गुलाबी नैना विशाल ,
भलो ओपे बोर भाल , खनकै चुङी भुजाल ।
राजल मां रखवाल , मां खोड़ल खप्पराल ,
नमो  डोकरी दाढाल , थांरै बीन कुण हवाल ।। 1


सजकै सिंगार सोल , घुमर गरबे घोल ,
ढमं ढमं बाजे ढोल , ता ता ता त्रिशूल तोल ।
रुपां अछी छाछी होल , लांगी गुल ओल दौल ,
 संग आवड़ हिलोल ,सातुं बहन सतोल ।।
ओपे पोशाक पटोल , झलकै चीर झकोल ,
रमती मां रमझोल , रलिया असुर रोल ।
दीदार तोरो अमोल ,तुंही मां राय हिंगोल,
करंती माते किलोल , बोले मां-मां दीप बोल ।। 2

छत्राली करजौ छांय , दयाली देशाण राय,
मात को भक्त बुलाय , हिगंलाज हैले आय ।
दीप जयकार गाय , भय विपदा भजाय ,
सदा तुं किजै सहाय, चालक मां चालराय ।।

तुं हीं सुक्ष्म खंड खंड , तुं हीं समस्त  ब्रह्मण्ड ,
तुं हीं ज्योति अखंड , तुं हीं चंडी चामुंड ।
 सोभे गल माल रुंड ,  पाड़या तें दैत्य झुंड ,
असुर अति उदंड , तें हीं मार्या चंड-मुंड ।।

नगाड़े बजत ज़ोर , ढमं ढमं घुरे घोर ,
सुणीजत चहुंओर , जगे जोत अष्ट पोर ।
घंटा बजे  घोर घोर , टंका करत टंकोर ,
झींझा झालर झंकोर , मढ को सुंदर शोर ।।

 फंद मात दिजौ फोड़ ,तम मात मेरो तोड़
नाम मात तेरे क्रोड़, कुण करें थांरी होड़।
तुंहीं मात ठोड़ ठोड़ ,आवै सब दौड़ दौङ,
जाये न मात म्नै छोड़ , नमे दीप कर जोड़ ।।


••••••••••••••••••••दीप चारण















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