प्रणमूं मैं प्रतपाल , सुत करणी रुखाल , करुणा मयी कृपाल, मन में दो सुर ताल । आप मात अति दयाल , पुत्र को राखजौ ख्याल , बिसरै न मात लाल , मान से मां दीप भाल ।। मद्य पी पी मतवाल , गुलाबी नैना विशाल , भलो ओपे बोर भाल , खनकै चुङी भुजाल । राजल मां रखवाल , खोड़ल मां खप्पराल , नमो डोकरी दाढाल , थांरै बीन कुण हवाल ।। 1 सजकै सिंगार सोल , घुमर गरबे घोल , ढमं ढमं बाजे ढोल , ता ता ता त्रिशूल तोल । रुपां अछी छाछी होल , लांगी गुल ओल दौल , संग आवड़ हिलोल ,सातुं बहन सतोल ।। ओपे पोशाक पटोल , झलकै चीर झकोल , रमती मां रमझोल , रलिया असुर रोल । दीदार तोरो अमोल ,तुंही मां राय हिंगोल, करंती माते किलोल , बोले मां-मां दीप बोल ।। 2 छत्राली करजौ छांय , दयाली देशाण राय, मात को भक्त बुलाय , हिगंलाज हैले आय । दीप जयकार गाय , भय विपदा भजाय , सदा तुं किजै सहाय, चालक मां चालराय ।। तुं हीं सुक्ष्म खंड खंड , तुं हीं समस्त ब्रह्मण्ड , तुं हीं ज्योति अखंड , तुं हीं चंडी चामुंड । सोभे गल माल रुंड , पाड़या तें दैत्य झुंड , असुर अति उदंड , तें हीं मार्या चंड-मुंड ।। ...