विघ्न हर हर विनायका, सारदा दे सद्बुद्धि। दीप पर कृपा कीजिये, विद्या की हो वृद्धि ।। गणपति गुण हूं गावु हूं , सदाय करो सहाय। सिंवरूं निशदिन सारदे, पाण जोड़ लग पाय।। कुल कितरा ई तारिया, आप देय आशीष। आद शक्ति बाणेश्वरी, सदा नमे जग शीष।। शक्ति पूंज हे भगवती, अलौकिक लौं अखण्ड। ऊर्जावान इ आप सूं, खण्ड खण्ड ब्रह्मण्ड।। असुर वध करण अवतरी, सदाहि आदसगत्त। अबखि वेला उबारिया, भगवती घण भगत्त ।। गुहिल संग गिरनार सूं, चढ्या गढ चित्तौड़। बायण मात बिराजिया, ठेट जद सू उण ठौड़।। कुल सिंढायच सिसोदिया, कमधज अर गहलोत। आडा विपदा (में) आविया, बायण मात बहोत।। गढ परबत गिरनार सूं , नरसिं भाचलिय संग। बस्याह आय मोगड़े, जय बायण जबरंग।। खळ इक बसतो बामसू,नामी बाणासूर । आतंकी हो आकरो, क्रोधी अर हो क्रूर।। मुल्क जीतियो मौकला, राजधानियां रोप। लोग पूजवा लागिया, खळ सू खाय खौफ।। भक्ति कर भूतनाथ री, वडा लिया वरदान। भूजा निज री भालकर, आयो घण अभिमान।। भक्ति सूं भूतनाथ ने, पायो पहरेदार। तब्ब मचायो तहलको , कर खळ अत्याचार।। शिव सूं खळ वरदान ले, लियाह त्रिलोक जीत। देव राज सब छोडिया...