राजनंदिनी चौहान साहिबा राजकोट
||दोहा||
वांच कर शिव वंदना, रचि जकी दीप दान।
चौहान राजनंदिनी, मुर्ख नाॅ कहे महान।। [1]
बाई अमदाबाद सूं, सासरो लिमड़ी स्टेट।
राजकोट में रंजिया, ठकराणि आय ठेट।। [2]
दिव्यांग दीन देखके, दान स्नेह रो देत।
रूड़ीह राजनंदिनी, हिवड़े पाले हेत।। [3]
सेवा करत समाज री, धरत योगाह ध्यान।
आ रजपूतण आज री, देख दँग दीप दान।। [4]
°°°°°°°°°°°°°°°°°°दीप चारण कृत
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