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Showing posts from October, 2016

मां हिंगलाज आवड़ करणी

हिये बसे हिंगलाज आफत आंधी आवतां , लाल री रखे लाज । आप बिना नी आसरो , हिये बसे हिंगलाज ।। टैम तोड़तो टांगड़ा , बैरी आय न बाज़ । बदन कर दे बज्र रो , हिये बसे हिंगलाज ।। डुंगर वाली डोकरी , तखत ना मांगु ताज । बिनती इती ज बाल री , हिये बसे हिंगलाज ।। मेहर करदे मावड़ी , आज सुणे आवाज़  । दुखड़ा मेटो दीप रा , हिये बसे हिंगलाज ।। गिरिवर वाली गौरजा , गिरती रोके गाज । दीपतो राख दीपड़ो , हिये बसे हिंगलाज ।। आसीस दिजै अम्बिका , क़दी न बिगड़े काज । नाक नमे दीप नितरो , हिये बसे हिंगलाज ।। हथ्थ सिर रखे बिसहथी , करे दीप कविराज। रचजे कविता रातदिन , हिये बसे हिंगलाज ।। असुर दलन तूं अवतरे , सदा चारण समाज। सातूं संग सहेलियाँ , हिये बसे हिंगलाज ।। सातूं देवी संगिनी , सोल सिणगार साज़ । भैरू ने ले भैलियां , हिये बसे हिंगलाज ।। नवदिन रम नवरातरा , नच नच करती नाज । सातूं संग सहेलियाँ , हिये बसे हिंगलाज ।। हाजर हेले होवजै , बैगीह सिंह बिराज । तरणी म्हारी तारजै , हिये बसे हिंगलाज ।। मुल्ला पढ़े निज मुल्क मा , नानी कहे नमाज़ । नद्य हिंगोल नहावता , हिये बसे हिंगलाज ।। रण म...

नवल जी जोसी

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आँखां चश्मो ओपतो , धवल नवल गुरु केश । जबर उकेरे जोशिजी , हरकत हृदय हमेश ।। हरकत हृदय हमेश , ठावता कविता ठावी । साचो दे संदेस ,  भटकत न पीढी भावी । मार धूड़ में लठ्ठ , लगा दे शब्द रै पाँखां । खोलदे ज्ञान पट्ट , आंधां रै आवै आंखां ।। °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°दीप चारण

मोदी अर पाक

मोदी (जे )मारे आंख , फाड़'र नक्सो सिन्ध रो । पाक (नै)सुपुद्रे खाक , करदे फौजी हिन्द रा ।। °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°दीप चारण जराइ न कर जेज , अरक बण जा आकरो । मोदी फौजां भेज , पापो काटण पाक रो ।। नम नम करसी नाज , बंदो हरेक हिन्द रो । मोदी मौको आज , पापो काटण पाक रो ।। झट्ट सिर दुष्टि रा दले , दशहरे तांइ दस्स  । कटि काठी कस्स , पापोह काट इण पाक रो ।। दीवाली सों पैल ,फट्टाका बम फोड़ दो । रच रणखेतां खेल , पापो  काटण पाकरो ।। बाथां धर बंदूक , फूलतरू झट काढनै । निसाणो न जा चूक , पापो कढतां पाक रो ।। छड छरा धाड़ धाड़ , बाथां धर बंदूकड़ी । बैरि कर ताड़ ताड़ , पापो काट इण पाक रो ।। °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°दीप चारण मोदी  मोटो  मारको , मारे   आंखां  मीच । नवाब सरीफ नाम को , रयो नीच को नीच ।। °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°दीप चारण कवि कविता भूल्चूकियो, राजन भूल्या राज। लैणां में सब आ लगे, गिराइ नरिये (मोदी) गाज।। °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°दीप चारण