भावना जी भाटी

भावना जी भाटी ||दोहा || बींदी भ्रकुटी लाल हैं,लाल शीष सिंदूर। भलमन भाटी भावना, नैना छलकै नूर।। मंद मुस्कान मुख्ख पर , काला रेशम केश। होठां लाली लाल अति , लाल बदन पर बेस।। बम्बई जाय बस्सिया, वडा जमा व्यापार। भलमन भाटी भावना, करेह पुण्य अपार।। नाम भजे नित श्याम रो, करत फिर अरू काम। भलमन भाटी भावना, तन मन सोप्या त्माम।। भलमन भाटी भावना, रुपालो रंग रूप। सेवा कर कर रात दिन, रिझाय जादव भूप।। भोली मन री भावना, भल्ला जादव भूप। बन्धन प्रीतज बंधियाँ, ओ अपणत्व अनूप।। सासरो भूती भाटियां, पीहर आबु समीप। भलमन भाटी भावना, दोहा दाखे दीप।। °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°दीप चारण